Non TET Teacher Bad News: 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि देश भर के सभी शिक्षकों के लिए दो वर्ष के भीतर शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी पास करना अनिवार्य होगा इस फैसले के बाद शिक्षकों में भारी हलचल मची हुई है शिक्षक पात्रता परीक्षा लागू न की जाए इसे लेकर शिक्षक लगातार आंदोलन कर रहे हैं इसी बीच झारखंड सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है झारखंड सरकार टीईटी अनिवार्यता पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगी सरकार ने कहा कि शिक्षा विभाग साल में कम से कम दो बार टीईटी परीक्षा आयोजित कराएगा और शिक्षकों को टीईटी पास करने का अवसर दिया जाएगा जिससे अधिक से अधिक शिक्षक परीक्षा पास कर सकें विभाग ने स्पष्ट किया है कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में झारखंड सरकार ने शीर्ष अदालत जाने से इनकार कर दिया है और शिक्षकों को निर्देश दिया है कि वे टेट की तैयारी करें उन्हें साल में दो बार टेट देने का मौका मिलेगा सरकार कम से कम दो टीईटी परीक्षाएं साल में आयोजित कराएगी ताकि शिक्षकों को अधिक से अधिक अवसर मिले और वे अपनी नौकरी सुरक्षित रख सकें विभाग का कहना है कि पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से कोई फायदा नहीं है क्योंकि 99% मामलों में यह याचिका अदालत में खारिज कर दी जाती है इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सीधे टीईटी आयोजित करने की तैयारी शुरू कर दी है।
आदेश से प्रभावित हजारों शिक्षक
प्रारंभिक शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करना अनिवार्य होने के संबंध में झारखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग इस पर कोई पहल नहीं करेगा सरकार अधिक से अधिक प्रारंभिक शिक्षक टीईटी कराए जाने पर जोर दे रही है सरकार चाहती है कि कम से कम दो बार टीईटी परीक्षा आयोजित कराई जाए और संभव हो तो दो से अधिक बार भी कराए जाने की कोशिश की जाएगी विभाग का मानना है कि अदालत में रिव्यू पिटीशन अक्सर टिकती नहीं है इसलिए टीईटी आयोजित करना अधिक आसान और प्रभावी रास्ता है विभाग केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के दिशा-निर्देशों और रूप का इंतजार भी कर रहा है।
टीईटी पास करने की समय सीमा दो वर्ष
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जिन शिक्षकों की सेवा 5 वर्ष से कम बची है उन्हें टीईटी से छूट मिलेगी लेकिन 5 वर्ष से अधिक सेवा वाले सभी शिक्षकों को दो वर्षों के भीतर टीईटी पास करनी होगी अन्यथा सरकार उन्हें सेवा से हटा देगी इससे राज्य के लगभग 30000 प्रारंभिक शिक्षक और देश भर के 10 लाख से अधिक प्राइमरी शिक्षक प्रभावित होंगे बता दें ये शिक्षक शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 लागू होने से पहले नियुक्त हुए थे उस समय टीईटी का आयोजन नहीं होता था और वे कानून लागू होने से पहले से कार्यरत हैं इसके साथ ही प्रदेश के पारा शिक्षकों पर भी टीईटी लागू हो सकती है अगर ऐसा होता है तो प्रभावित शिक्षकों की संख्या और बढ़ जाएगी।