Outsource Employee Regularization Latest News: देश भर के आउटसोर्स कर्मचारी अलग-अलग राज्यों में नियमितीकरण को लेकर लगातार मांग कर रहे हैं हालांकि राज्य सरकारों द्वारा आउटसोर्स कर्मचारी के लिए अलग-अलग निर्णय लिए जा रहे हैं आउटसोर्स कर्मचारी को नियमित करने से संबंधित ऐसा ही बड़ा आदेश हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश के स्कूलों में आउटसोर्स आधार पर नियुक्त कंप्यूटर शिक्षकों के लिए दिया है इन आउटसोर्स शिक्षकों के लिए राहत देते हुए उन्हें नियमित करने का आदेश दिया है।
Outsource Employee Regularization News
बता दे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के सरकारी स्कूलों में आउटसोर्स संविदा पर नियुक्त कंप्यूटर शिक्षकों को बड़ी खुशखबरी दी है कोर्ट ने शिक्षकों की ओर से दायर की गई याचिकाओं को स्वीकार करते हुए सरकार को यह आदेश दिया है कि इन संविदा शिक्षकों को 2016 से नियमित किया जाए क्योंकि याचिकाएं इस वर्ष दायर की गई थी और लंबे समय से इस केस की सुनवाई चल रही थी कोर्ट ने शिक्षा विभाग को 12 सप्ताह के भीतर पूरी कार्रवाई करने का आदेश दिया है कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के सभी लाभों को प्रत्यय दिलाया है और इस संबंध में उन्हें बड़ी राहत दी है।
आउटसोर्स शिक्षकों को मिली बड़ी खुशखबरी
मध्य प्रदेश में लगभग 1300 संविदा शिक्षक आउटसोर्स पर तैनात किए गए थे अदालत ने कहा है कि इन सभी शिक्षकों द्वारा अपने अधिकार की लड़ाई लंबे समय से लड़ी जा रही है ऐसे में अदालत को अपने क्षेत्राधिकार का इस्तेमाल करना आवश्यक है कोर्ट ने सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए याचिका को स्वीकार किया और इस मामले में बड़ा आदेश पारित किया हिमाचल प्रदेश के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 2 दशकों से अधिक समय से कंप्यूटर शिक्षकों के रूप में यह शिक्षक काम कर रहे थे में आउटसोर्स शिक्षकों को एजेंसी के माध्यम से नियुक्त किया गया था विभाग के आवश्यकता अनुसार इन शिक्षकों को समय-समय पर आउटसोर्स पर रखा गया था।
25 साल पहले आउटसोर्स पर हुए थे नियुक्त
प्रदेश में साल 2001 और 2002 से आउटसोर्स एजेंटियों के माध्यम से इन संविदा शिक्षकों को रखने की शुरुआत की गई थी लंबी सेवा देने के बावजूद यह शिक्षक रेगुलर नहीं किए गए थे हालांकि राज्य सरकार द्वारा समान शिक्षकों को रेगुलर किया गया था और उन्हें शिक्षकों के समान कंप्यूटर शिक्षक रेगुलर होने की मांग कर रहे थे साल 2016 में राज्य ने भर्ती के लिए एक नियम बनाए और भर्ती नियमों में संशोधन कर 5 वर्ष का शिक्षक अनुभव शामिल किया लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया था।
लंबे समय बाद आउटसोर्स शिक्षकों को मिली राहत
आउटसोर्स पर रखे गए यह संविदा शिक्षक अपनी लड़ाई काफी लंबे समय से लड़ रहे थे सरकार द्वारा मांगे पूरी न होने के कारण में आउटसोर्स शिक्षकों ने न्यायालय का रुख अपनाया था और लंबी लड़ाई लड़ी आखिर में हाई कोर्ट द्वारा उन्हें जीत हासिल हुई और इन सभी आउटसोर्स शिक्षकों को रेगुलर करने का आदेश हाई कोर्ट द्वारा दिया गया ऐसे में दिया गया यह आदेश पूरे देश के आउटसोर्स कर्मचारी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है देश के विभिन्न राज्यों में आउटसोर्स कर्मचारी लगातार नियमितीकरण की मांग कर रहे।