सरकारी शिक्षकों के साथ प्राइवेट शिक्षकों को भी पास करनी होगी टीईटी? NCTE ने निर्धारित की योग्यता -TET News for Teachers

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TET News for Teachers: देश भर के प्राइमरी शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना जरूरी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बाद शिक्षक बनने का सपना देख रहे उम्मीदवारों के लिए यह अहम फैसला है। अगर कोई शिक्षक टीईटी पास नहीं कर पाता है तो उसे इस्तीफा या फिर कंपलसरी रिटायरमेंट लेना पड़ेगा। साथ ही ऐसे शिक्षक जिनकी सर्विस 5 साल या उससे कम बची हुई है उन सभी शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने टीईटी से छूट दी है। इन शिक्षकों को टीईटी नहीं देना होगा। हालांकि अगर यह शिक्षक प्रमोशन लेने की इच्छा रखते हैं तो फिर उनके लिए भी टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। वहीं निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए TET देना होगा या नहीं इसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट की अपर बेंच करेगी।

NCTE ने पहले ही निर्धारित कर दी थी योग्यता

बता दें, जस्टिस दत्त और जस्टिस अगस्टाइन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इस महत्वपूर्ण मामले में बड़ा निर्णय सुनाया है। शिक्षक पात्रता परीक्षा की अनिवार्यता से जुड़े इस मामले में शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद यानी कि एनसीटीई ने साल 2020 में ही निर्धारित कर दिया था कि कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के छात्रों को पढ़ने के लिए कम से कम योग्यता टीईटी को बनाया गया है जिसे सभी शिक्षकों को पास करना होगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को शक्ति से लागू कर दिया है। इस फैसले के बाद देश भर के लगभग 10 लाख सरकारी शिक्षक प्रभावित होंगे।

बिना TET पास बने रह सकते हैं शिक्षक

बता दें, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में यह याचिका दायर की गई थी। यह फैसला इस मामले में सुनाया गया है। इन याचिकाओं में पूछा गया था कि क्या बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा पास किए शिक्षक बन सकते हैं या फिर प्रमोशन प्राप्त कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि अब शिक्षक पात्रता परीक्षा बिना पास किए न तो शिक्षक बन सकते हैं और न ही शिक्षक बने रह सकते हैं। शिक्षक बने रहने के लिए भी शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। साथ ही नए शिक्षकों के चयन में शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद टीईटी अनिवार्य है। वहीं अब प्रमोशन में भी टीईटी अनिवार्य कर दी गई है।

प्राइवेट शिक्षकों को भी देनी होगी टीईटी?

बता दें, यह मामला अल्पसंख्यक दर्जा प्राप्त शिक्षा संस्थानों को लेकर भी जुड़ा है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी शिक्षकों को राहत दी है; अभी के लिए उन पर यह आदेश लागू नहीं होगा। कोर्ट ने कहा है कि आरटीई एक्ट अल्पसंख्यक स्कूलों पर लागू होता है या नहीं, फिलहाल इसका पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच के पास लंबित चल रहा है। जब तक उस पर अंतिम फैसला नहीं आता है, तब तक अल्पसंख्यक संस्थाओं के शिक्षकों के लिए टीईटी की अनिवार्यता नहीं होगी। हालांकि अब इस फैसले को जल्दी जारी किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगर निजी और अल्पसंख्यक संस्थाओं के शिक्षकों पर टीईटी लागू किया जाता है तो इस फैसले के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक प्रभावित होंगे। बता दें देश भर के संविदा शिक्षकों और शिक्षामित्र को लेकर भी अपर बेंच में मामला लंबित है। अल्पसंख्यक दर्जा वाले शैक्षणिक संस्थाओं, संविदा शिक्षकों, पैरा टीचर, शिक्षामित्र आदि पर टीईटी लागू होगा या इन्हें अन्य छूट दी जाएगी, इसका निर्णय लार्जर बेंच करेगी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की लार्जर बेंच इन शिक्षकों के लिए भी टीईटी अनिवार्य कर सकती है।

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