इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक पदों पर बिना बीएड किए अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि जब तक इस मामले में फाइनल डिसीजन जारी नहीं हो जाता तब तक कोई भी नियुक्ति नहीं की जा सकेगी हालांकि चयन प्रक्रिया तब तक जारी रखी जा सकती है। ऐसे सभी युवा जो एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक कंप्यूटर विषय के लिए बिना बीएड शिक्षक बनने का सपना देख रहे थे उन सभी के लिए बड़ा झटका लगा है।
बिना बीएड शिक्षक बनने पर रोक
बता दें उत्तर प्रदेश में एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक के लिए प्रदेशभर से आवेदन मांगे गए हैं जिसमें 1056 पर कंप्यूटर विषय के शामिल है जिन पर बिना बीएड किए अभ्यर्थियों को आवेदन करने का मौका मिला है। राजकीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों के लिए चल रही इस प्रक्रिया में याचिकाकर्ताओं ने अदालत से कहा कि इन पदों के लिए बीएड की अनिवार्यता के नियम को हटाना पूरी तरह से गलत है जो कि शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
एनसीटीई की गाइडलाइन का हवाला
हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की 12 नवंबर 2014 की अधिसूचना का उल्लेख किया है। इस अधिसूचना में कहा गया है कि माध्यमिक स्तर यानी कि कक्षा 10 तक पढ़ाने वाले सभी अध्यापकों के लिए बीएड अनिवार्य योग्यता मानी जाएगी जिस पर अदालत ने कहा कि अधिसूचना के बाद बिना बीएड अभ्यर्थियों को पात्र मानना नियमों के अंतर्गत पूरी तरह विपरीत है।
नियमों में संशोधन पर बड़े सवाल
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा सेवा नियमावली 2024 में संशोधन किया गया है जिसमें कंप्यूटर विषय के शिक्षक के लिए बीएड की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। इस आधार पर राज्य सरकार ने 28 जुलाई को विज्ञापन जारी किया था लेकिन याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह संशोधन छात्रों के हित में बिल्कुल भी नहीं है जो कि शिक्षा की गुणवत्ता पर सीधा असर डाल रहा है। इसलिए बिना बीएड कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति बिल्कुल भी ना की जाए। साथ ही कहा कि सरकार ने नियम बदलकर बिना बीएड अभ्यर्थियों को मौका दिया है जबकि एनसीटीई ने पहले ही बीएड को न्यूनतम योग्यता घोषित कर दिया है। इससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाएगी। अदालत ने भी माना है कि शिक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यता में बदलाव करना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और प्रदेश लोक सेवा आयोग से इस संबंध में जवाब मांगा है और जल्द से जल्द स्थिति साफ करने को कहा है। अदालत ने साफ किया है कि चयन प्रक्रिया फिलहाल जारी रहेगी लेकिन नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 16 अक्टूबर 2025 को की जाएगी। कोर्ट के इस आदेश से बिना बीएड कंप्यूटर शिक्षक बनने का सपना देख रहे युवाओं को बड़ा झटका लगा है हालांकि अब अगली सुनवाई में स्थिति साफ होगी।